Geeta E•28 एक ओंमकार , निराकार , सतनाम् , निवैर अकालमूर्त , अजोनि " जो निराकार है , जो निर्वेर है वही सतनाम् है जिसको काल कभी नहीं खा सकता है ! जो कभी किसी योनियों में नहीं आते हैं अर्थात् अजोनी है
दशरथ का राम लंका प्रस्थान से पूर्व शिव का आहवाहन (गौर करें शिव लिंग ध्यान किया शंकर का नही अर्थात शिव और शंकर में अंतर है) करते है। अगर खुद राम है तो किसको याद कर रहें हैं। आमतौर पर कोई सुभ कार्य से पूर्व अपने माता पिता से आशीर्वाद लिया जाता है अर्थात उस निराकार राम को याद किया जो उनका पिता है।