एक व्यक्त्ति के पास बहुत ही हिष्ट-पुष्ट घोड़ा था ! लेकिन कोई उस घोड़े को वश नहीं कर पाता था ! कई राज्यों से गुज़रते हुए वह जब एक राज्य में आया तो राजा को खबर मिली कि एक बहुत ही हिष्ट-पुष्ट घोड़ा है लेकिन वश में नहीं होता ! जो उसको वश में करेगा उसको वो घोड़ा फ्री में मिल जाऐगा ! राजा ने ऐसे ही एक भरे मैदान के अन्दर अपने उस्तादों को बुलाया और कहा कि जो घोड़े को वश में करेगा उसको राजा की तरफ से भी इनाम मिलेगा !
दशरथ का राम लंका प्रस्थान से पूर्व शिव का आहवाहन (गौर करें शिव लिंग ध्यान किया शंकर का नही अर्थात शिव और शंकर में अंतर है) करते है। अगर खुद राम है तो किसको याद कर रहें हैं। आमतौर पर कोई सुभ कार्य से पूर्व अपने माता पिता से आशीर्वाद लिया जाता है अर्थात उस निराकार राम को याद किया जो उनका पिता है।