Geeta E•28 एक ओंमकार , निराकार , सतनाम् , निवैर अकालमूर्त , अजोनि " जो निराकार है , जो निर्वेर है वही सतनाम् है जिसको काल कभी नहीं खा सकता है ! जो कभी किसी योनियों में नहीं आते हैं अर्थात् अजोनी है
एक मछुआरा कांटा डाले तालाब के किनारे बैठा था। काफी समय बाद भी कोई मछली कांटे में नहीं फँसी, ना ही कोई हलचल हुई तो वह सोचने लगा... कहीं ऐसा तो नहीं कि मैने कांटा गलत जगह डाल दिया है, यहाँ कोई मछली ही न हो !