गीता ज्ञान का आध्यात्मिक रहस्य (पहला और दूसरा अध्याय)
The Great Geeta Episode No• 001
- श्रीमदभगवदगीता को सर्व शास्त्रमयी शिरोमणि माना गया है , क्योंकि यह भारत का एक मात्र ऐसा धार्मिक पुस्तक है , जिसमें भगवानुवाच है या दूसरे शब्दों में कहें तो श्रीमतभगवदगीता भगवान द्वारा गाया हुआ मधुर गीत है !
- यह गीत आज सारे संसार की आत्माओं के प्रति है , क्योंकि आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ कहा जाता है कि अनिश्चितता का समय है वा चुनोतियों से भरा समय है !
- जब हर व्यक्ति को, किसी-न-किसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है ! उस चुनौती को पार करने के लिए कोई-न-कोई विधि ढूँढ़नी आवश्यक है !
- ऐसे समय में श्रीमदभगवदगीता हम सबको जीवन जीने की कला सिखाती है कि, ‘हमारा जीवन कैसे होना चाहिय ?
- मनुष्य का मन जब कई उलझनों से भर जाता है , तब वह सही रास्ता चुनना चाहता है !
- कई महान् आत्माओं का ये अनुभव है कि जब वे श्रीमदभगवदगीता को पढ़ना प्रारम्भ करते हैं , तो मन के कई प्रशनों का जवाब उन्हें स्वतः ही प्राप्त हो जाता है !
- यह गीता ज्ञान मन को शक्त्ति देने वाला शक्त्तिशाली टॉनिक है , जिससे व्यक्ति अपनी समर्थी को पुनः प्राप्त कर लेता है !
- जब मन कई प्रकार की कमज़ोरीयों को भी पार करने की शक्त्ति मनुष्य में इसी ज्ञान से आती है !
- गीता ज्ञान में सभी वेदों एवं उपनिषदों का सार समाया हुआ है ! सारे वेदों को पढ़ने के लिए आज के परिवेश में किसी के पास समय नहीं है !
- गीता का ज्ञान स्वयं भगवान के श्रीमुख से हम आत्माओं तक पहुंचा है !
- संसार में जितनी भी धर्म पुस्तकें हैं उन सभी धर्म पुस्तकों में यही बतलाया है कि उस धर्म के लोगों का जीवन में क्या आचरण होना चाहिए ?
- श्रीमदभगवदगीता में एक भी बार हिन्दु शब्द नहीं आया है ! कहने का भावार्थ यही है कि यह धर्मशास्त्र सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण लिए है !
- आज के युग में यह ज्ञान मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की कला सिखलाता है ! यही कारण है , शायद सारे संसार के लोगों ने श्रीमदभगवदगीता को समझने का प्रयत्न किया है !
- आश्चर्यजनक बात तो यह है कि संसार में जितनी भाषओं में अनुवाद हुआ है , उतना किसी भी पुस्तक का नहीं हुआ है !
- यह एक ऐसी पुस्तक है जिसे लोगों ने समझना चाहा है और उसमें से किसी न किसी प्रकार से अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया है क्योंकि इसमें कई गुह्य रहस्य समाये हुए हैैैं!
- जब गुह्य रहस्यों को हम आध्यात्मिकता के आधार से समझतें हैं तब हर बात को यर्थाथ रूप से समझने की शक्त्ति आ जाती है !