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निराकार शिव है गीता का भगवान

Spiritual Explanation of Bhagawad Gita

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Arjun & shiva truegyantree
Arjun & shiva

Spiritual Explanation of Bhagawad Gita in Hindi Episode

  • श्रीमदभगवदगीता को सर्व शास्त्रमयी शिरोमणि माना गया है, क्योंकि यह भारत का एक मात्र ऐसा धार्मिक पुस्तक है, जिसमें भगवानुवाच है या दूसरे शब्दों में कहें तो श्रीमतभगवदगीता भगवान द्वारा गाया हुआ मधुर गीत है !

  • यह गीत आज सारे संसार की आत्माओं के प्रति है, क्योंकि आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ कहा जाता है कि अनिश्चितता का समय है वा चुनोतियों से भरा समय है ! जब हर व्यक्ति को , किसी-न-किसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है ! उस चुनौती को पार करने के लिए कोई-न-कोई विधि ढूँढ़नी आवश्यक है !
  • ऐसे समय में श्रीमदभगवदगीता हम सबको जीवन जीने की कला सिखाती है कि, ‘ हमारा जीवन कैसे होना चाहिय ? “मनुष्य का मन जब कई उलझनों से भर जाता है , तब वह सही रास्ता चुनना चाहता है ! कई महान् आत्माओं का ये अनुभव है कि जब वे श्रीमदभगवदगीता को पढ़ना प्रारम्भ करते हैं , तो मन के कई प्रशनों का जवाब उन्हें स्वतः ही प्राप्त हो जाता है!
  • यह गीता ज्ञान मन को शक्त्ति देने वाला शक्त्तिशाली टॉनिक है , जिससे व्यक्ति अपनी समर्थी को पुनः प्राप्त कर लेता है !
  • जब मन कई प्रकार की कमज़ोरीयों को भी पार करने की शक्त्ति मनुष्य में इसी ज्ञान से आती है ! गीता ज्ञान में सभी वेदों एवं उपनिषदों का सार समाया हुआ है !
    सारे वेदों को पढ़ने के लिए आज के परिवेश में किसी के पास समय नहीं है ! गीता का ज्ञान स्वयं भगवान के श्रीमुख से हम आत्माओं तक पहुंचा है !
  • संसार में जितनी भी धर्म पुस्तकें हैं उन सभी धर्म पुस्तकों में यही बतलाया है कि उस धर्म के लोगों का जीवन में क्या आचरण होना चाहिए ? श्रीमदभगवदगीता में एक भी बार हिन्दु शब्द नहीं आया है !
  • कहने का भावार्थ यही है कि यह धर्मशास्त्र सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण लिए है ! आज के युग में यह ज्ञान मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की कला सिखलाता है ! यही कारण है , शायद सारे संसार के लोगों ने श्रीमदभगवदगीता को समझने का प्रयत्न किया है !
  • आश्चर्यजनक बात तो यह है कि संसार में जितनी भाषओं में अनुवाद हुआ है, उतना किसी भी पुस्तक का नहीं हुआ है ! यह एक ऐसी पुस्तक है जिसे लोगों ने समझना चाहा है और उसमें से किसी न किसी प्रकार से अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया है क्योंकि इसमें कई गुह्य रहस्य समाये हुए हैैैं !
  • जब गुह्य रहस्यों को हम आध्यात्मिकता के आधार से समझतें हैं तब हर बात को यर्थाथ रूप से समझने की शक्त्ति आ जाती है !

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