वैशाख की पूर्णिमा में जन्मे महात्मा बुद्ध,
धार्मिक नेता, तपस्वी की शिक्षाएं बनातीं शुद्ध।
बुद्ध पूर्णिमा इनके जन्म, ज्ञान, मृत्यु का प्रतीक,
जीवन में एकाग्रता, ज्ञान, आचरण की देता सीख।
सांसारिक दुखों को देख सिद्धार्थ में जगा वैराग,
29 की आयु में किया राज्य, पत्नी, पुत्र का त्याग।
सत्य की खोज के लिए छोड़ा सुख का संसार,
करी कठोर तपस्या, पाया ज्ञान आखिकार।
80 वर्ष तक करते रहे पाली में धर्म प्रचार,
करुणा, क्षमा, दया, इस धर्म के हैं आधार।
बौद्ध, इस्लाम, ईसाई – कल्प वृक्ष की शाखाएं तीन,
लुप्त हुआ बेस आदि सनातन देवी देवता धर्म प्राचीन।
Very nice explanation