योगेश्वर अर्थात् परमपिता परमात्मा ! संजय ने जो अनुभव किया वही धृतराष्ट को सुनाया ! इतना सुन्दर सन्देश कि उसकी स्मृति करने से भी मैं गदगद् हो उठता हूँ !
तीन प्रकार की बुद्धि (सतो , रजो, तमो)
तीन प्रकार का त्याग ( यज्ञ, दान और तप )
तीन प्रकार के सुख (सतो , रजो, तमो)
तीन प्रकार की धारणा की शक्त्ति
तीन प्रकार के कर्म (सतो , रजो, तमो)
तीन प्रकार की बुद्धि (सतो , रजो, तमो)
तीन प्रकार का त्याग ( यज्ञ, दान और तप )
तीन प्रकार के सुख (सतो , रजो, तमो)
तीन प्रकार की धारणा की शक्त्ति
तीन प्रकार के कर्म (सतो , रजो, तमो)