TrueGyan Tree पर आपको मिलेगा सत्य ज्ञान का पिटारा, तो जाने मन क्या है और कैसे काम करता है
दो प्रकार का मन होता है
1- चेतन 2-अवचेतन
1-चेतन मन के द्वारा मनुष्य जाग्रत अवस्था में सोचता है और बाहरी दुनिया का अनुभव करता है।
2-अवचेतन मन इन्हीं सब बातों को ग्रहण कर सुरक्षित रख लेता है। एक प्रकार से अवचेतन मन को आत्म तत्व के साथ जोड़कर देखा जाता है।
अगर आपके सवाल इस प्रकार के है तो यह आर्टिकल आपके लिए है, सफलता का राज समझे
- अवचेतन मन काम ही नहीं करता
- अवचेतन मन का अर्थ
- अवचेतन मन को संदेश कैसे भेजे
- अवचेतन मन अभ्यास
- अवचेतन मन के चमत्कार
- अवचेतन मन के उदाहरण
- अवचेतन मन के रहस्य
- अवचेतन मन की शक्तियां और चमत्कार और कल्पना
- अवचेतन मन से एक साथ कई प्रार्थना कर सकते है
- अवचेतन मन का अर्थ
- माइंड प्रोग्रामिंग कैसे करें
विचार नियम के अनुसार–
हर चीज की दो बार रचना होती है। यदि आप अपने जीवन में कुछ चाहते हैं और आपने मन में इसकी साकार कल्पना नहीं की है तो वह चीज आपको नहीं मिल सकती। सकारात्मक विचारों के बार-बार दोहराने से यह कल्पना सहज ही दिखाई देने लगती है। यदि आपको कोई चीज चाहिए तो इसके लिए क्या करना होगा? सबसे पहले तो अपने मन में इसका सृजन करना होगा, तभी वह वास्तविक जीवन में प्रकट हो सकती है। विचारों का यह नियम कभी असफल नहीं होता।
रात को अगर आप यह सोचकर सोएं कि सुबह छह बजे उठना है तो अवचेतन मन की अलार्म घड़ी आपको जगा देती है। आपकी आंख छह बजे के करीब खुल जाती है। कई बार तो ठीक छह बजे ही आप जाग जाते हैं। यह आपके अवचेतन मन का काम है। आप उसे जो आदेश देते हैं, वह उसे पूरा कर देता है, हालांकि आपको खुद यह पता नहीं रहता कि आपने उसे आदेश दे दिया है।
अवचेतन मन की शक्तियां और चमत्कार और कल्पना
पिछली सदी में एक बड़ा रहस्य उद्घाटित हुआ है, वह यह है कि हमारा अवचेतन मन मजाक को नहीं समझ पाता। यह हर बात को सच मान लेता है। मान लीजिए, आपसे कोई काम गड़बड़ हो या और आपने खुद से कहा, मैं इतना मूर्ख कैसे हो सकता हूं? आप यह बात नहीं जानते, लेकिन आपने अपने अवचेतन मन को यह बताकर अनर्थ कर दिया है। इसके बाद होगा यह कि अवचेतन मन आपके जीवन की सारी घटनाओं की छानबीन करके, आपके सामने तस्वीरें पेश करके यह साबित कर देगा कि आप सचमुच मूर्ख हैं। इसके बाद अवचेतन मन आपके माध्यम से ऐसे काम ज्यादा करवाएगा, जिनसे आप मूर्ख साबित हों। यही अवचेतन मन की शक्ति है, यही विचार और कल्पना की शक्ति है।
अवचेतन मन अभ्यास
इस्तेमाल कैसे करें- कल्पना शक्ति का सही उपयोग मानसिक चित्रों के रूप में किया जा सकता है। मान लें, आप कोई चीज चाहते हैं, जैसे मकान या अच्छी सी नौकरी। इस तरह अंतिम परिणाम तय हो गया। इस तक पहुंचने का एक तरीका तो यह मानसिक चित्र देखना है कि आप मंच पर खड़े होकर घोषणा कर रहे हैं कि मैंने ये-ये रचनात्मक कल्पना की थी, जो साकार हो गई। दूसरा तरीका यह मानसिक चित्र देखना कि आप वाकई उसी घर में रह रहे हैं और अपने दोस्त को बता रहे हैं कि यह पूरा घर मेरे नाम है। इस पर कोई लोन नहीं है। मैंने इसे खुद अपने नाम पर खरीदा है। जब आप यह करेंगे तो कुछ समय उपरांत आप हैरान रह जाएंगे कि आपको अपनी मनचाही चीज कितनी आसानी से मिल गई। आपको अपना मनचाहा घर या अच्छी नौकरी कल्पना के उपयोग से मिली है। वैसे आपका अंतिम परिणाम चाहे जो हो, कल्पना उसे साकार करने में आपकी मदद कर सकती है।
अवचेतन मन के गलत प्रयोग से बचे, ध्यान देने वाली बातें
यदि आपको डॉक्टर बनना है तो मानसिक चित्र देखें कि आपका क्लीनिक है, जिसकी दीवार पर आपका सर्टिफिकेट लगा है। और हां, तारीख का ध्यान रखें। अगर मानसिक चित्र में साल यानी सन का ध्यान नहीं रखा तो उस चित्र के साकार होने में देर लग सकती है। चित्र देखते समय अगर सारी बातें ध्यान में न रखी जाएं तो गड़़बड़ की आशंका रहती है।
अवचेतन मन के उदाहरण
मान लें, किसी को अमीर बनना है और वह यह मानसिक चित्र देखने लगता है कि वह नोट गिन रहा है। वह इस चित्र को लगातार देखता है। आगे चलकर होता यह है कि वह बैंक में कैशियर बन जाता है। इस स्थिति में मानसिक चित्रों की शक्ति ने काम तो किया, लेकिन उसे अपना मनचाहा परिणाम नहीं मिला। दोष कल्पना का नहीं था, दोष तो उसके मानसिक चित्र का था। उसका मानसिक चित्र स्पष्ट नहीं था। वह जो चाहता था, उसका मतलब उसने अवचेतन मन को स्पष्टता से नहीं बताया। उसने यह नहीं बताया कि मैं अमीर बनना चाहता हूं और जो नोट मैं गिन रहा हूं, वह मेरा पैसा होना चाहिए।
अवचेतन मन कैसे काम करता है
तो महत्वपूर्ण बात यह है कि आप पूरी स्पष्टता से अवचेतन मन को बताएं कि आप क्या चाहते हैं। इसी तरह का एक और उदाहरण देखें। एक इंसान ने मानसिक चित्र में देखा कि वह मरीजों का इलाज कर रहा है, उनका ब्लड प्रेशर ले रहा है, मरहम-पट्टी कर रहा है, सुई लगा रहा है। उसने बार-बार जब इस मानसिक चित्र को देखा तो कल्पना साकार हो गई, वह कंपाउंडर बन गया। इस तरह उसका यह मानसिक चित्र साकार हो गया। वह बनना तो चाहता था डॉक्टर, लेकिन कंपाउंडर बन गया। एक बार फिर, गलत मानसिक चित्र देखने की वजह से उसे अनचाहे परिणाम मिले। उसने अपने अंतिम परिणाम को पूरी स्पष्टता से नहीं बताया, इसीलिए अनर्थ हो गया। इसी तरह एक इंसान ने यह चित्र देखा कि वह डॉक्टर बन रहा है। चित्र सही था, लेकिन उसमें समय अवधि का उल्लेख नहीं था। परिणाम यह हुआ कि उसे
डॉक्टर बनने में कई साल लग गए।
माइंड प्रोग्रामिंग कैसे करें
अवचेतन मन को सही अवधि बताना बहुत महत्वपूर्ण है। आप अमुक परिणाम कब तक चाहते हैं, इसकी अवधि निर्धारित करना भी जरूरी है। मानसिक चित्र देखते समय आपको उस भावना को भी महसूस करना होगा, जो अंतिम परिणाम पाने पर आपको मिलेगी।
अगर आप अपने सपनों का मकान खरीद लें या आपको मनचाही नौकरी मिल जाए तो आप कितने खुश होंगे? बस उसी खुशी को कल्पना-चित्र में महसूस करें। जिस खुशी को आप पाना चाहते हैं, जब आप उस खुशी को महसूस करते हैं तो आप चुंबक बन जाते हैं और उस अंतिम परिणाम को ज्यादा तेजी से अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यह बात बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। वे कल्पना तो करते हैं, चित्र तो देखते हैं, लेकिन आनंद की भावना को महसूस नहीं करते। वे यह भूल जाते हैं कि भावना ही तो वह ट्रिगर है, जिससे अंतिम परिणाम साकार होना शुरू होता है।
मानसिक चित्रों की शक्ति का सही उपयोग
दूसरों के लिए भी किया जा सकता है। वस्तुत: करना ही चाहिए। अपने लिए कल्पना करते समय मन में बहुत से नकारात्मक विचार आते हैं। डर लगता है कि होगा कि नहीं होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि आप अपनी समस्याओं से बहुत जुड़े होते हैं। लेकिन जब आप यही काम दूसरों के लिए करते हैं, तो इसे आप अलगाव से करते हैं। तब आपके मन में ज्यादा नकारात्मक विचार नहीं आते। यह बड़ी महत्वपूर्ण बात है। इसलिए दूसरों के लिए कल्पना करें और उसमें
वे चीजें देखें, जो आपको चाहिए। यदि आप नौकरी चाहते हैं, तो कल्पना करें कि आपके बेरोजगार दोस्त को नौकरी मिल गई है। ऐसा करने पर आप निमित्त बन जाएंगे।
हां, यह बात जरूर ध्यान रखें कि आपको अंतिम परिणाम ही तय करना है, तरीका तय नहीं करना है। आपको सिर्फ लक्ष्य तय करना है,उस लक्ष्य तक कैसे पहुंचें, यह तय नहीं करना है। यह तय मत करो कि मुझे इसी कंपनी में नौकरी मिलनी चाहिए। ऐसे ही मिलनी चाहिए। फलां इंसान इस कार्य में मुझे मदद करेगा, तभी नौकरी मिलेगी। कुदरत आपकी इच्छा पूरी करने के लिए सबसे अच्छा, सरल, सुगम और सीधा रास्ता खोज लेगी। आपको तो इसे बस इतना भर बताना है कि आप अंतिम परिणाम क्या चाहते हैं।
यदि आप अपने अवचेतन मन से कहते हैं कि मेरी मदद करो, मुझे एक अच्छी नौकरी की सख्त जरूरत है तो इतने भर से ही आपके अवचेतन मन तक संदेश पहुंच जाता है कि आपको क्या चाहिए। यह महत्वपूर्ण है। केवल मंजिल तय करें, रास्ता तय न करें। केवल लक्ष्य तय करें, तरीका तय न करें। वह सब अवचेतन मन पर छोड़ दें।
अवचेतन मन को करें जाग्रत, पूरे होंगे सभी कार्य
दुनिया के सभी धर्म विश्वास के रूप हैं और विश्वास कई तरीकों से स्पष्ट किए जाते हैं। अपने जीवन और ब्रह्मांड के बारे में जैसा विश्वास होगा, मनुष्य को वैसा ही मिलता है। मनुष्य अगर विश्वास कर सके, तो उसके लिए हर चीज संभव है। नेपोलियन को विश्वास था कि दुनिया में असंभव शब्द है ही नहीं और इसी विश्वास के चलते उसने बडे़-बड़े युद्ध जीते। जहां पर सकारात्मक विश्वास मनुष्य को सफलता दिलाता है, वहीं पर नकारात्मक व निराशाजनक सोच मनुष्य को असफलता, संदेह व आत्मविश्वास में कमी की ओर ले जाती है।
आज चारों तरफ आपाधापी व स्वार्थपरायणता ने अनेक नौैजवानों को नकारात्मक सोच की तरफ अग्रसर कर दिया है। जब यह सोच ज्यादा बढ़ जाती है, तो अवचेतन मन ऐसी स्थिति में उनसे आत्महत्या जैसा अपराध करा देता है। इससे यह सिद्ध होता है कि मनुष्य का अवचेतन मन शक्ति का भंडार है, जिसमें जैसा मनुष्य एकत्र करेगा, उसका कई गुना वह पाएगा। इसीलिए कहा गया है कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत। अमेरिका के डॉ. जोसेफ मर्फी ने शोध से पता लगाया कि यदि चेतन मन को विश्वास हो जाता है कि वह अब ठीक हो सकता है, तो अवचेतन मन उसे पूरा करने के लिए शक्ति पैदा करता है और अवचेतन मन के आदेश पर मस्तिक उसी प्रकार के हार्मोन पैदा करके उस कार्य को पूरा करता है।
ऐसी मान्यता है कि अवचेतन मन केवल वर्तमान जीवन को ही नहीं प्रभावित करते, बल्कि आत्मा के साथ दूसरे शरीर धारण के समय भी साथ रहता है। दूसरे जन्म में इसी अवचेतन मन के कारण व्यक्तित्व निर्माण व संस्कार प्राप्त होते हैं। इसीलिए यदि मनुष्य वर्तमान जीवन और अगले जीवन में आनंद चाहता है, तो उसे अपने चेतन मन व अवचेतन मन को सकारात्मक सोच व विचारों से परिपूर्ण करना होगा।
Best knowledge for all
Yes