सच्ची बुद्ध पूर्णिमा (कविता)
बीज ज्योति बिंदु शिव परमपिता परमात्मा निराकार,बौद्धी भी ज्योति (लाइट) पर करते बुद्धि एकाग्र।सतधर्म की स्थापना करने में अब कोई नहीं समर्थ,
बीज ज्योति बिंदु शिव परमपिता परमात्मा निराकार,बौद्धी भी ज्योति (लाइट) पर करते बुद्धि एकाग्र।सतधर्म की स्थापना करने में अब कोई नहीं समर्थ,
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Very nice explanation