कैसे कलम उठाऊं उन सर्वशक्तिम देव पर लिखने के लिए कविता
अदृश्य रूप में साथ निभा कर जिन्होंने मेरे मन को जीता।
आपकी पहचान बताने को यूं तो शब्दों में ताकत ना,
लिखे जो महिमा आपकी ,हुई आज तक ऐसी लिखावट ना।
सबसे पहले तो माफी मांगती हूं जो इतनी हिम्मत भी कर पा रही हूं।

आप जो सर्वशक्तिम देव है । आपके लिए कविता लिख पा रही हूं।
पर क्या करूं आपकी लाडली बेटी हूं ना , इसलिए मेरे मन में ये विचार आया।
मेरे बाबा का जन्मदिन है कुछ अलग सा कर सकूं इसलिए मैने ये कलम उठाने का साहस दिखाया।
तो चलो आपके लिए एक कविता बनाती हूं आपके जन्मदिन को लिख कर मानती हूं।
चैत्र सुदी पूर्णिमा मंगल के दिन मां अंजनी ने लाल है जाया
मंगल वार को जिन्होंने मंगलमय बनाया
प्यारे से लल्ला जिनका नाम मारुति कहलाया
वानर सेना का मन हर्षाया , देवो ने भी शीश झुकाया
झूम उठा ये जग सारा मेघों ने भी जल बरसाया
जगमगा गया ये जग सारा, , दीपो ने ये सौभाग्य पाया
फूलों ने भी आज के दिन खुद को किस्मत का धनी बतलाया
जन्मदिन है मेरे प्रभु का ये कितना महान अवसर आया।
आज वो दिन है है जब आपके करोड़ों भक्तों के मन में उमंग उत्साह है आया।
सजा दिया आज घर को और घर के मंदिर को भी सजाया
रंगबिरंगे रंगों और फूलों से , धरती पर चोक बनाया।
गुब्बारों की लाइन लगा कर स्वागत द्वार सजाया।
दीपो की तो चेन बना दी दीवाली सा माहौल है आया

आपके मंदिर जा कर हमने आपको चोला चढ़ाया।
५६ भोग बनाया बाबा लेकिन विशेष पांच प्रसाद को हमने सबसे पहले बनाया
बूंदी ,खीर ,इमरती, गुड़चना ,चूरमा ओर आपके लिए पान भी बनवाया
और फलों में केला अंगूर आम तो विशेष रूप से बुलवाया।
अपनी और से बाबा हमने एक केक भी सजाया
एक प्यारी सी चौखट पर ये प्रसाद लगाया
कितना उत्सव कितना उमंग आज हम सबके मन में आया
सर्व प्रथम आपको तिलक हमने लगाया फूलों की माला पहनाकर
इक इक दीप जगाया ।

जय श्री राम का वंदन कर के मस्तक हमने झुकाया
श्री राम जय राम जय जय राम 🚩 आपका प्रिय गीत हमने सुनाया।
श्री हनुमान चालीसा कर हमने अपने मन में शांति को पाया
आपकी वंदना आरती करके फिर जन्म दिन है मनाया
आपके हाथों से फिर हमने केक भी कटवाया।
ओर फिर अपने हाथों से बाबा आपको केक चखाया
श्री राम जी की तस्वीर को हमने सौगात के रूप में बनवाया
खुश हुए आप जब श्री राम जी की तस्वीर को आपने ने सौगात के रूप में है पाया।
हम सब ने भी फिर झूम _झूम के श्री राम भजन को गाया
फिर हम सबने आपको आपके पसंद के भोग खिलाया
यूं लगता था कितने प्यार से हम सबको देख रहे है बाबा।

प्रेम के मोती झलक रहे थे ,आपकी पाकर हमें आभा।
बाबा रूखा _सूखा जो भी बना.. इसे स्वीकार कर लेना
गलती की हो तो क्षमा _प्रार्थना हमको माफ कर देना।
गूंज रहा था जग सारा शहनाइयों ढोल और नाद से
लहर रही पताका आपकी घर घर पहुंचे आप थे
गुंजित थे पटाखों के स्वर रुकने का लेते नाम थे
चलायमान थी शोभा यात्रा हर चेहरे पर आज मुस्कान है
झूम रहे है मस्ती में सब उनकी जो ,राम भक्त हनुमान है
हम भी झूमे नाचे मस्ती में किया गुणगान है
जय बजरंगी जय बजरंगी आप ही तो हमारी शान है।
मेरे सुख_ दुख के साथी जिन्होंने हर कदम पे साथ निभाया है
आज मेरे सर्वेश्वर का इस तरह जन्म दिन मनाया है
हाथ जोड़ कर विनती मेरी बस यही मेरे सरकार से।
हर संकट को दूर रखना मेरे घर परिवार से।
शुभ जन्मदिन बाबा आपको फिर से एक बार कहना चाहूंगी
हर साल इसी तरह या इससे भी अच्छा आपका जन्मदिन मनाऊंगी।
जय श्री राम जय हनुमान 🚩🚩🚩
आपसे मेरे जुड़े है अनुभव जल्दी ही लिख पाऊंगी
जल्दी ही अपनी अगली पोस्ट मेरे हनुमानजी लाऊंगी।
उस लेख में मैं अपने अनुभव विस्तार से बताऊंगी।
स्वरचित ✍️ हर्षी