E.32 सेल्फ डिफेंस और कर्म का फल

Geeta E•28 एक ओंमकार , निराकार , सतनाम् , निवैर अकालमूर्त , अजोनि ” जो निराकार है , जो निर्वेर है वही सतनाम् है जिसको काल कभी नहीं खा सकता है ! जो कभी किसी योनियों में नहीं आते हैं अर्थात् अजोनी है