कब हम कर्मिक अकॉउंट बनाते है और कब चुक्तू होता है ?

Karmic Account: कर्म का अनादि सत्य सिद्धांत है। प्रत्येक कर्म इस जगत में प्रतिध्वनित हो जाता हैं। कर्मेंद्रियों के तल पर इस जगत में कर्म के बिना कोई भी व्यक्ति रह नहीं सकता हैं।